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जब अधे ने कहा – “क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा..”
“अंधे को मंदिर आया देख लोग हँसकर बोले –“मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
पर क्या भगवान को देख पाओगे?
“अंधे ने कहा –
“क्या फर्क पड़ता है,
मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा..
“दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए…
गुरू से शिष्य ने कहा: गुरूदेव..
एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये गाय भेंट की है..
एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये गाय भेंट की है..
गुरू ने कहा – अच्छा हुआ..
दूध पीने को मिलेगा..
एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर गुरू से कहा -गुरू जी जिस व्यक्ति ने गाय दी थी,
आज वह अपनी गाय वापिस ले गया…
गुरू ने कहा – अच्छा हुआ..
गोबर उठाने की झंझट से मुक्ति मिली..
‘परिस्थिति’ बदले तो अपनी ‘मनस्थिति’ बदल ले ,
बस दुख सुख में बदल जायेगा
.
“सुख दुख आख़िर दोनों मन के ही तो समीकरण हैं..
निगाहों के जादू पर अब यकीं नहीं करते..
ये काजल के घेरे अंधा कर देते हैं इश्क़ में.;;