अश्वगंधा या असगंध (Withania somnifera) एक पौधा (क्षु प) है। यह विदा-निया कुल का पौधा है, विदानिया की World में 10 तथा India में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं। India में पांरपरिक रूप से अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक और यूनानी उप चार के लिए किया जाता है। इसके साथ इसे नक दी फसल के रूप में भी उगाया जाता है। “इसकी ता जा पत्तियों तथा जड़ों में घोड़े की गंध आने के कार ण ही इसका नाम अश्व गंधा पड़ा।” इस को English में “विन्टर चेरी” कहा जाता है।
अश्वगंधा क्या है? – Ashwagandha kya hai?
आपने कई बार अश्व गंधा का नाम सुना होगा। अखबारों या TV में अश्वगंधा के विज्ञापन/एड्स आदि भी देखे होंगे। आप सोचते होंगे कि अश्वगंधा क्या है? या अश्वगंधा के गुण क्या है? दरअसल अश्वगंधा एक जड़ी:बूटी है। अश्वगंधा का प्रयोग कई रोगों में भी किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि मोटापा को घटाने, बल और वीर्य विकार को बढ़ाने और ठीक करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा भी अश्वगंधा के बहुत सारे फायदे और भी हैं।
अश्वगंधा के कुछ खास औषधीय गुणों के कारण यह बहुत तेजी से यह प्रचलित हुआ है। आइए आपको बताते हैं आप अश्वगंधा का प्रयोग कौन कोनसी बीमारियों में और कैसे कर सकते हैंः-
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अलग-अलग देशों में अश्वगंधा कई तरह की होती है, लेकिन असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन/जंगल में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता ज्यादा अच्छी होती है। तेल (oil) निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही ज़्यादा अच्छा माना जाता है। इसके दो प्रकार हैं-
1️⃣. छोटी असगंध (अश्वगंधा)
इसकी झाड़ी बहुत छोटी होने से यह छोटी असगंध कहलाती है, लेकिन इसकी जड़ बड़ी होती है। Rajasthan के नागौर यह बहुत अधिक पाई जाती है और वहां के जलवायु के प्रभाव से यह विशेष प्रभावशाली होती है, इसीलिए इसको नागौरी अश्वगंधा भी कहते हैं।
2️⃣. बड़ी या देशी असगंध (अश्वगंधा)
इसकी झाड़ी ज़्यादा बड़ी होती है, लेकिन जड़ें छोटी और पतली होती हैं। यह बाग – बगीचों, खेतों और पहाड़ी स्थानों में सामान्य रूप में ज़्यादा पाई जाती है। असगंध/अश्वगंधा में कब्ज गुणों की प्रधानता होने से और अश्वगंधा की गंध कुछ घोड़े के पेशाब जैसी होने से संस्कृत में इसकी बाजी या घोड़े से संबंधित नाम रखे गए हैं।
Ashwagandha ke fayde in hindi (अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए)
अश्वगंधा आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली बहुत ही असरकारी औषधि है। यह पुरुषों से जुड़ी शारीरिक समस्याओं का इलाज करने के लिए जानी जाती है। सदियों से इसका उपयोग आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप में किया जा रहा है। पुरुष इसका सेवन यौन, सेक्स संबंधित समस्याओं से लेकर तनाव और चिंता को नियंत्रित करने के लिए कर सकते है।
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आयुर्वेदिक चिकित्सा में अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए बहुत बताये गए है। इसे आयुर्वेद में “रसायन” या “टॉनिक” के रूप में जाना जाता है।
1️⃣. यौन सुख बढ़ाने में (Sex Power)
अश्वगंधा की गोलियां खाने से टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है जो की यौन इच्छा और ड्राइव को उत्तेजित करके पुरुषों को लाभ पहुंचाती हैं। अश्वगंधा का उल्लेख ‘कामसूत्र‘ में भी सबसे शक्तिशाली (Power) यौन उत्तेजक के रूप में किया गया है। वर्षों से अश्वगंधा का कामो-द्दीपक के रूप में उपयोग जाता रहा है। जब पुरुषों द्वारा अश्वगंधा लिया जाता है तो उनके शरीर (Body) में नाइट्रिक ऑक्साइड (रासायनिक सूत्र : NO) का संश्लेषण तेज होता है। जननांगों/जनन:अंग तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त धमनियां फैल जाती हैं। इस प्रकार अश्वगंधा चूर्ण पुरुषों को लाभ पहुंचाता है। कामेच्छा में भी कमी को अश्वगंधा से दूर किया जा सकता है और स्तंभन दोष के लिए यह एक अच्छा उपचार है।
2️⃣. बिस्तर में बेहतर सहनशक्ति
अध्ययनों के अनुसार, अश्वगंधा तनाव से भी राहत देता है जिससे सेक्स ड्राइव बढ़ती है और इच्छा और आनंद को बढ़ाने के लिए पर्याप्त आराम मिलता है। जो लोग अश्वगंधा की खुराक लेते है उनकी नींद की गुणवत्ता काफी ज़्यादा बेहतर रहती है। एडाप्टोजेन, एक रसायन है जो बॉडी को तनाव से निपटने में मदद करता है। शोध बताते हैं कि अश्वगंधा हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (एचपीए) अक्ष की गतिविधि को कम करता है, जो आपके शरीर में तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करताहै।
3️⃣. प्रजनन क्षमता में वृद्धि
अश्वगंधा एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट के रूप में जाना जाता है जो मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है। इससे शुक्राणु कोशिका क्षति कम हो जाती है और शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में वृद्धि हो ती है। अश्वगंधा से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में बहुत सुधार होता है। पुरुष बांझपन दुर करने के लिए अश्वगंधा के उपयोग का उल्लेख किया गया है। अश्वगंधा एक शक्तिशाली कामोद्दीपक है जिससे टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है और तनाव से संबंधित पुरुष बांझपन को दुर करने में मदद कर सकता है।
4️⃣. शुक्राणु की गतिशीलता में वृद्धि
शुक्राणु की गतिशीलता भी शुक्राणुओं की संख्या जितनी आवश्यक है। शुक्राणु की गतिशीलता बनी रहने से एक अच्छी Sex ड्राइव मिलती हैँ । स्वस्थ शुक्राणु को २५ माइक्रोमीटर /-सेकंड की गति से तैरना चाहिए और अश्वगंधा से इसमें मदद मिलती है।
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महिलाओं के लिए अश्वगंधा के लाभ (Ashwagandha ke fayde bataye)
अश्वगंधा खाने से महिलाओं को कई तरह के फायदे/लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…😊
आयुर्वेद में अश्वगंधा (Ashwagandha) के कई सारे फायदों के बारे में बताया गया है. फिर चाहे महिला हो या पुरुष दोनों के लिए ही अश्वगंधा किसी वरदान से कम नहीं है. अश्वगंधा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन-C, आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं. वहीं अश्वगंधा (Ashwagandha) के अंदर एंटी-इन्फ्लेमेट्री, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-स्ट्रेस और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसी खूबियां भी मौजूद होती हैं. अब सवाल यह है कि महिलाओं के लिए अश्वगंधा किस तरीके से फायदेमंद होता है? आइए जानते हैं महिलाओं को कितनी मात्रा में अश्वगंधा का (Ashwagandha) सेवन करना चाहिए.
1. एंटी एजिंग से कैसे बचाता है अश्वगंधा
अश्वगंधा के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो फ्री रेडिकल को दूर करने में उपयोगी होते हैं. इसके अलावा यह बढ़ती उम्र को रोकने में भी काफ़ी मददगार है. बता दें कि अश्वगंधा के अंदर पॉलीफिनॉल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो त्वचा के लिए बहुता उपयोगी है. ऐसे में इसे खाने से महिलाओं में एजिंग के लक्षण कम होते नजर आते हैं।
2. मेनोपॉज के दौरान करता है मदद
अश्वगंधा (Ashwagandha) महिलाओं में हॉर्मोंन्स के सिक्रेशन को रेगुलेट करता है. अश्वगंधा एंडोक्राइन सिस्टम (ग्लैंड जो हॉर्मोंन्स को सीधे Blood स्ट्रीम में पहुंचाता है) को उत्तेजित करता है. यह मेनोपॉज के दौरान होने वाली problems जैसे हॉट फ्लैश, मूड स्विंग्स और चिंता में भी बहुत उपयोगी है.
3. घुटनों के दर्द को कम करने में मददगार
यदि महिलाएं घुटने के दर्द से परेशान हैं तो भी वह अश्वगंधा खाकर दर्द से छुटकारा पा सकते हैं. बता दें कि अश्वगंधा के अंदर एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जो न केवल सूजन से राहत दिलाने में उपयोगी हैं बल्कि दर्द को कम करने के लिए भी अश्वगंधा महिलाओं के बेहद काम आता है।
4. थायरॉइड से राहत दिलाता है अश्वगंधा
जो महिलाएं थायरॉइड की समस्या से परेशान हैं वे महिलाई अपनी डाइट में अश्वगंधा को शामिल कर सकती हैं। बता दें कि अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ऐसे में यह थायरॉइड ग्रंथि की कार्य प्रणाली में सुधार करने में बहुत उपयोगी हैं। महिलाएं नियमित रूप से अश्वगंधा के सेवन से थायरॉइड की समस्या को हमेशा के लिए दूर कर सकती हैं।
5. वजाइनल इंफेक्शन से राहत
वजाइना में होने वाले इन्फेक्शन से बचने में भी अश्वगंधा (Ashwagandha) बहुत मदद करता है। अश्वगंधा के अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो न केवल वजाइनल इन्फेक्शन को दूर करने में उपयोगी है बल्कि इसके सेवन से वजाइना में खुजली, सूजन की समस्या और बदबू/दुर्गंध आने की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
🔵 अश्वगंधा का कितना सेवन करना चाहिए?
एक स्वस्थ व्यक्ति अश्वगंधा की सूखी जड़ का 3 से 6 ग्राम खुराक का सेवन एक बार में कर सकता है। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है की अश्वगंधा का सेवन महिलाएं दिन और रात दोनों मे से किसी भी एक समय पर कर सकती हैं। इसके अलावा ज्यादा अश्वगंधा खाने से महिलाओं को इन कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है :-
⚠️ 1. अश्वगंधा की अधिकता से व्यक्ति को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के साथ-साथ दस्त और उल्टी की समस्या भी हो सकती हैँ।
⚠️ 2. गर्भावस्था के दौरान इसके अधिक सेवन से गर्भपात की समस्या भी हो सकती है।
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अश्वगंधा को अधिक लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखें?
अश्वगंधा (Ashwagandha) को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसकी जड़ का चयन करें। बता दें कि आप तकरीबन 2 महीनों तक इसकी जड़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अलग अश्वगंधा का पाउडर भी इस्तेमाल में ले सकते हैं। घर पर अश्वगंधा को एयर टाइट (हवा रहित) डिब्बे में अच्छे से बंद करके रखें ताकि नमी के चलते यह खराब न हो जाए।
नोट:- महिलाओं को अपनी डाइट में अश्वगंधा को जोड़ने से पहले एक बार एक्सपर्ट से इसकी मात्रा के बारे में जानकारी जरूर लेनी चाहिए.
अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए (Ashwagandha ke fayde hindi mein)
अश्वगंधा का सेवन शरीर के पोषण के लिए बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण है । अगर आप अपनी सेहत के साथ-साथ शरीर को शक्तिशाली और मजबूत भी बनाना चाहते हैं तो इन चीजों का ध्यान रखें:
एक साल तक ऐसे करें इस्तेमाल: हर शरीर अश्वगंधा या दवाई के लिए अलग-अलग प्रकार से रिएक्ट करता है। अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी आ रही है और आप अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं कर सकते हैं तो आप 2 से 4 ग्राम बताए गए तरीके से इसका सेवन एक साल तक रेगुलर करें और आपको काफी लाभ होगा।
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सिर्फ सर्दियों में ही करें इस्तेमाल: अगर आपको अश्वगंधा गर्मी के मौसम में परेशान करता है तो आप ठंडी में ही इसका सेवन कर सकते हैं। 10 से 12 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण लें और उसमें तिल एवं घी समान मात्रा में मिला लें। इसके बाद इसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर इसके एक से दो ग्राम का सेवन प्रतिदिन रात में दूध के साथ करें।
बुखार हटाने के लिए: अगर आपको बुखार आता रहता है और आप दवाइयों से परेशान हों गए हैं तो 2 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण और 1 ग्राम गिलोय का जूस मिला लें। इसे प्रतिदिन रात को पानी या शहद के साथ पीने से सेहत बेहतर होती है और बुखार भी उतर जाता है।
अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे (Ashwagandha ke fayde ling ke liye)
क्या आपको अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे पता हैं अगर नहीं तो आइये जानते हैँ…😊
1. दिमाग को करे तेज
अश्वगंधा और शिलाजीत मस्तिष्क कार्य प्रणाली के लिए काफी अच्छा होता है। दरअसल, शिलाजीत में एक न्यूरोप्रोटेक्टिव एजेंट पाया जाता है, जो आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही यह आपकी याददाश्त को भी बढ़ाने में असरदार होता है। इतना ही नहीं, अश्वगंधा भी आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होंता है। इसमें एंटी-अल्जाइमर गुण मौजूद हो ता है, जो अल्जाइमर जैसी मस्तिष्क की बीमारी के खतरे को क म करने में काफी प्रभावी है।
साथ ही अश्वगंधा और शिलाजीत एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है, जो फ्री रैडिकल के कार मस्तिष्क की समस्याओं को दूर करने में काफी प्रभावी है। ऐसे में आप आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह पर अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन कर सकते हों। यह आपके मस्तिष्क के लिए काफी प्रभावी साबित हो सकता है।
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2. इम्यूनिटी करे बूस्ट
कोरोना-काल में अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, अश्वगंधा में इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी का प्रभाव होता है। यह प्रभाव शरीर के इम्यून पावर को जरूरत के अनुसार बदलता है। इतना ही नहीं, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधारने में भी असरदार है। वहीं, शिलाजीत के इस्तेमाल से भी इम्यूनिटी बूस्ट की जा सकती है। कोरोनाकाल के बढ़ते मामलों को देखते हुए आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शिलाजीत और अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं। यह आपके लिए बहुत ही लाभकारी है।
3. मांसपेशियों को करे मजबूत
मांसपेशियों को मजबूत करने में भी अश्वगंधा और शिलाजीत आपके स्वास्थ्य के लिए काफी हद तक लाभकारी है। शिलाजीत आपकी मांसपेशियों की मजबूती औ र बनावट को बेहतर करता है। वहीं, अश्वगंधा का इस्तेमाल भी मांसपेशियों को मज बूत करने के लिए किया जा सकता है। मांसपेशियों की मजबूती और बनावट को बेहतर करने के लिए आप इन दोनों का मिश्रण ले-ले सकते हैं। यह आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है।
4. यौन स्वास्थ्य के लिए बेहतर
शिलाजीत और अश्वगंधा का मिश्रण यौन (सेक्स) स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रभावी माना जाता है। यह टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को बेहतर करने में असरदार/फायदेमंद है। इतना ही नहीं, यह लो स्पर्म काउंट की परेशानी को दूर करने में भी बहुत उपयोगी हो सकता है। स्पर्म की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए आप रोज अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन कर सकते हैं।
5. मोटापे से छुटकारा
अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन करने से आप अपने मोटापे की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं । यह मिश्रण आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में काफी प्रभावी माना जाता है। साथ ही यह पेट की चर्बी को katne/कम करने में असरदार है। रोजाना सुबह-सुबह अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन करने से आप अपने बढ़ते वजन को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
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6. यूरिन संक्रमण को दूर करने में प्रभावी
अश्वगंधा और शिलाजीत यूरिन संक्रमण को दूर करने के लिए भी काफी प्रभावी होता है। शिलाजीत और अश्वगंधा में एंटी-बैटीरियल और एंटीवायरल गुण होता है, जो संक्रमण से बचाव करने में आपकी मदद करता है। इसमें संक्रमण में होने वाली समस्या जैसे– खुजली, दर्द, चिड़चिड़ापन आदि दूर करने की क्षमता होती है।
7. थकान और कमजोरी दूर करे
अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए प्रभावी होता है। यह मिश्रण शरीर में उर्जा प्रदान करने के लिए काफी प्रभावी होता हैं। अगर आपको काफी कमजोरी महसूस हो रही है, तो दूध के साथ अश्वगंधा और शिलाजीत का मिश्रण समान मात्रा में लें। इससे आपको जल्दी ही काफी आराम महसूस होगा।
कैसे करें अश्वगंधा और शिलाजीत का प्रयोग (kese kre Ashwaganda and Shilajit ka paryog)
अश्वगंधा और शिलाजीत स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता हैं। हालांकि, इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें। वहीं, सही तरीके से ही इसका इस्तेमाल करें।
मार्केट में आपको अश्वगंधा और शिलाजीत का चूर्ण बहुत ही आसानी सी उपलब्ध हो जाता है। इसके अलावा इसका कैप्सूल भी मिल जाता है, जिसका सेवन आप आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं।
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इसके अलावा अश्वगंधा और शिलाजीत चूर्ण को दूध या शहद के साथ लें। दूध के साथ कैसे और कितनी मात्रा में लेनी है, यह आयुर्वेदाचार्य/डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार सलाह दे सकते हैं।
वहीं, अगर आप चाहते हैं , तो चाय के रूप में भी अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, यह डॉक्टर आपकी स्थिति और उम्र के आधार पर ही सही अनुपात बता सकता है।
अश्वगंधा और शिलाजीत के नुकसान ( Ashwaganda and Shilajit Side Effects )
ध्यान रखें कि अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय हो सकता है। वहीं, कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना भी चाहिए। जैसे :-
- ⚠️ अश्वगंधा और शिलाजीत के सेवन से ब्लड प्रेशर की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- ⚠️ अश्वगंधा और शिलाजीत के सेवन से पेट से जुड़ी परेशानी जैसे- कब्ज, गैस, अपच इत्यादि।
- ⚠️ मधुमेह की दवा लेने पर अश्वगंधा और शिलाजीत के सेवन से बचें।
- ⚠️ गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा और शिलाजीत के सेवन कराने से पहले डॉक्टर से सलाह लेँ।
- ⚠️ स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा और शिलाजीत न दें।
अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभाकारी होता है। लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन अधिक मात्रा में कभी नहीं करना है। वहीं, डॉक्टर की सलाह पर ही अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन करना चाहिए। अगर आपको किसी तरह की गंभीर समस्या है, तो बिना डॉक्टर की राय के इसका सेवन करने से बचे। इसके अलावा अगर आपको अश्वगंधा और शिलाजीत का एक साथ सेवन करने से किसी तरह की समस्या महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत संपर्क करें।
अश्वगंधा का पौधा (Ashwagandha ka podha)
क्या आपको पता हैं अश्वगंधा का पौधा कैसा होता है?| Ashwagandha Plant in hindi- अश्वगंधा एक बहुत असरदार जड़ी-बूटी वाला पौधा है जोकि कई रोगों में लाभ देता है। अश्वगंधा को असगंध, नागोरी असगंध, Indian Ginseng, Winter-cherry भी कहते हैं। अश्वगंधा का पौधा 3 से 4.5 फीट तक ऊंचा हो सकता है। इसकी पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है और 10 से 12 सेंटीमीटर लंबी होती हैं।अश्वगंधा के पौधे में हरे रंग के छोटे-छोटे फूल निकलते हैँ ।अश्वगंधा के फल का रंग चटक लाल – नारंगी होता है जो कि पतले सफेद-भूरे छिलके के अंदर होता है। अश्वगंधा के फल में छोटे-छोटे, चपटे, सफेद ब्राउन रंग के अश्वगंधा के बीज (Seeds) होते है ।
आयुर्वेद में अश्वगंधा के बहुत सारे फायदे बताए गये हैं। अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक व मानसिक कमजोरी, नपुंसकता, जोड़ों का दर्द, थकान, स्ट्रेस-टेंशन आदि रोग ठीक होते हैं। अश्वगंधा के पौधे की जड़ से अश्वगंधा चूर्ण, अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा जूस जैसी कई दवाइयाँ बनाई जाती हैं।
अश्वगंधा के फायदे | Ashwagandha root benefits in hindi
- अश्वगंधा रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- अश्वगंधा का सेवन मसल्स बढ़ाने और ताकत लाने में फायदेमंद है।
- अश्वगंधा शरीर में एनर्जी लेवल (ऊर्जा) और शक्ति लाता है।
- अश्वगंधा पुरुषों की यौन-शक्ति बढ़ानें, वीर्य, शुक्राणु बढ़ानें में काम आता हैँ।
- स्त्री-पुरुष के यौन अंगों (Reproductive system) को स्वस्थ रखे।
- याददाश्त तेज करे, सोच-समझ का विकास करे।
- आँखों की रोशनी तेज करे और आँखें स्वस्थ रखता है।
- हृदय (हार्ट) को मजबूत करता है।
- बढ़ती उम्र के असर को कम करे।
- दिमागी उलझन, बेचैनी, डिप्रेशन, चिंता-तनाव से राहत, अच्छी नींद देता है।
- सुस्त थाइरॉइड ग्लैन्ड को ऐक्टिव करता है।
- कमर-घुटने व जोड़ों का दर्द, गठिया, आर्थ्राइटिस का दर्द दूर करे।
- थकान, कमजोरी, खून की कमी ठीक करता है।
- अश्वगंधा कैंसर रोग की कोशिकाएं बढ़ने से रोकता है।
- अश्वगंधा से कोलेस्टेरॉल कम करे, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है।
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अश्वगंधा लेते समय क्या-क्या परहेज करना चाहिए ?
खासकर गर्भवती महिलाओं को इ सके सेवन से बचना चाहिए। अगर गर्भ वती महिलाएं इसका लगातार सेवन करती हैं, तो गर्भ पात का खतरा हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि अश्व गंधा गर्भनिरोधक की तरह काम कर ता है। रक्तचाप के मरीजों को भी अश्व गंधा के सेवन से परहेज की जरूरत है।