व्यक्ति के बदलते हुए लाइफ स्टाइल ने उसे बीमारियों का घर बना दिया है। आजकल व्यक्ति घंटों मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन देखने में व्यतीत कर देता है। ऊपर से उसका खान-पान भी इतना अच्छा नहीं है। इन्हीं सब कारणों की वजह से मनुष्य को चारों तरफ से बहुत सी बीमारियों ने जकड़ लिया है। ऐसे ही एक बीमारी का नाम मायोपिया है। इसके बारे में इस लेख में हम आपके संपूर्ण जानकारी देंगे। हम आपको इससे बचाव के उपाय भी बताएंगे।
मायोपिया क्या है? (myopia kya hai in hindi)
आप में से बहुत कम लोग इस बीमारी के बारे में जानते होंगे और कुछ लोग इस बीमारी के बारे में जानते भी हैं तो वह इसके नाम से वाकिफ नहीं है।
बहुत से लोग मायोपिया और मोतियाबिंद को एक ही बीमारी समझते हैं लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दे कि यह दोनों बीमारियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग है।
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आइए सबसे पहले शुरुआत करते हैं मायोपिया के बारे में जानने से।
दरअसल यह आंखों से संबंधित एक बीमारी है। इस बीमारी को निकट दृष्टि भी कहा जाता है और इसमें मरीज को पास की चीज बिल्कुल साफ दिखाई देती हैं जबकि दूर की चीज देखने में उसे धुंधलापन नजर आता है। इस बीमारी में व्यक्ति की आंख की पुतली का आकार सामान्य आकार से ज्यादा हो जाता है। और वह आने वाले प्रकाश को रेटिना से थोड़ा आगे केंद्रित कर देता है। यही कारण है कि व्यक्ति को धुंधला धुंधला दिखाई देने लगता है।
मायोपिया होने के कारण
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इसका कारण बदलता लाइफस्टाइल भी है। आइए इसके होने की कुछ मुख्य कारणों के बारे में जानते हैं।
• स्क्रीन देखते वक्त उचित दूरी नहीं बनाना। बहुत पास से स्क्रीन को देखना भी मायोपिया का एक कारण हो सकता है।
• जब पढ़ते वक्त किताब को आंखों से उचित दूरी पर नहीं रखा जाता तो भी मायोपिया रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
• बहुत अधिक मात्रा में शराब और सिगरेट का सेवन करने से भी मायोपिया हो जाता है।
• जब आंखों की पुतली की लंबाई बढ़ जाती है तो भी मायोपिया हो जाता है।
• बदलती हुई खराब लाइफस्टाइल के कारण भी मायोपिया होता है।
• टीवी, लैपटॉप और मोबाइल पर बहुत अधिक समय व्यतीत करना भी उसका एक कारण है।
• जब प्राकृतिक रूप से प्राप्त प्रकाश में कम समय बिताया जाता है तो भी मायोपिया रोग होने का खतरा बढ़ता है।
• जब व्यक्ति का कार्निया बहुत ही सुडोल हो जाता है तो उसे मायोपिया का खतरा बनने लगता है।
मायोपिया का पता कैसे लगाएं?
नीचे हम आपको कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप उन लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो आप मायोपिया का शिकार हो सकते हैं।
• यदि आप काफी लंबे समय से अपनी आंखों को मल रहे हैं तो
• यदि आपको दूर की चीजें धुंधली धुंधली दिखाई दे रही है तो
• पलकों को बार-बार झुकाना भी मायोपिया का ही लक्षण है
• जब आप किताबे पढ़ रहे हैं तो आप उन्हें आंखों की बहुत नजदीक कर ले रहे हैं तो
• रात के समय में गाड़ी चलाते वक्त दिक्कत होना
• जब आप कुछ समय तक कोई कार्य करें और इससे आपकी आंखों पर दबाव पड़ने के बाद सिर दर्द हो तो यह भी मायोपिया का एक लक्षण ही माना जाता है।
• आपको कोई वस्तु तिरछी नजरों से देखने पर साफ दिखाई दे तो
• किसी वस्तु को साफ देखने के लिए आंखों को थोड़ा बंद करना पड़े तो
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने शरीर के भीतर दिखाई देता है तो आपको तुरंत अपने नेत्रों के डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
मायोपिया से छुटकारा कैसे पाएं?
इस बीमारी से छुटकारा पाने के बहुत से तरीके हैं। इन तरीकों का चयन आपकी आंख की स्थिति को देखते हुए किया जाता है।
• मायोपिया का इलाज बिना ऑपरेशन के भी संभव है। इसके लिए आपको या तो कांटेक्ट लेंस लगवाने होंगे या फिर नेगेटिव नंबर का चश्मा पहनना होगा।
• नजर के दोष को चश्मे के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इन चश्मों में विभिन्न प्रकार के गिलास लगाए जाते हैं। अब यह आपकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टर पर निर्भर करता है कि यह आपको कौन से प्रकार का लेंस लगे।
• मायोपिया को सही करने का एक ऑप्शन कॉन्टैक्ट लेंस भी हो सकता है। कांटेक्ट लेंस विभिन्न प्रकार के पाए जाते हैं और यह विभिन्न प्रकार के पदार्थ से बने हुए होते हैं। इसमें बहुत से रंग पाएं जाते हैं। यह सीधे आंखों पर ही लगाए जाते हैं।
मायोपिया की रोकथाम के तरीके
हालांकि मायोपिया को रोकना संभव नहीं है लेकिन हम आपको इसके कुछ तरीके बता रहे हैं। जिनसे शायद मायोपिया को रोका जा सकता है।
• समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करते रहे।
• शराब आदि का सेवन नहीं करें
• बच्चों का बाहर धूप में खेलना भी आवश्यक है
• जितना हो सके स्क्रीन से दूरी बनाकर रखें।
• बच्चों को 2 घंटे से ज्यादा समय स्क्रीन पर व्यतीत ना करने दे।
• लगातार 2 घंटे तक ना पढ़े। पढ़ते वक्त बीच-बीच में ब्रेक लेते रहे।
• अधिक घंटे तक लैपटॉप पर काम ना करें बीच में थोड़ा-थोड़ा ब्रेक लेते हैं।
• जितना हो सके आंखों पर सूरज की पराबैंगनी किरणें न पड़ने दे। क्योंकि आंखों के लिए यह किरणे बहुत ही नुकसानदायक मानी जाती है इसीलिए संभव हो तो धूप में चश्मा पहनकर ही निकले।
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निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको मायोपिया के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। हमने आपको इसके इलाज के बारे में भी बताया इसीलिए हम आपसे यह आग्रह करते है कि इलाज के इन तरीकों को डॉक्टरी सलाह न मानते हुए सिर्फ जानकारी के रूप में देखा जाएं। और आंखों में कोई भी समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह ले।
मायोपिया से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:
- मायोपिया क्या है?
- मायोपिया एक आँखों की समस्या है जिसमें दूर की वस्तुएं स्पष्ट नहीं दिखाई देती हैं।
- मायोपिया के कारण क्या हो सकते हैं?
- इसके मुख्य कारण में आँख के आकार में बदलाव होना, जिसके कारण दूर की वस्तुएं स्पष्ट नहीं दिखाई देती हैं।
- मायोपिया का इलाज क्या है?
- आमतौर पर, मायोपिया के इलाज के लिए चश्मा, कंटैक्ट लेंस या आँख की सर्जरी की सलाह दी जाती है।
- क्या मायोपिया बढ़ सकता है?
- कई मामलों में, मायोपिया जीवन के बढ़ते हुए उम्र के साथ बढ़ सकता है, लेकिन यह व्यक्ति की जीवनशैली और आंखों की स्थिति पर निर्भर करता है।
- क्या मायोपिया की समस्या होने पर कोई आंख की सर्जरी है?
- हां, आधुनिक मेडिकल साइंस के द्वारा मायोपिया की सर्जरी भी की जा सकती है, जिसे लेसिक सर्जरी के रूप में जाना जाता है।
आशा है कि यह संक्षेप मायोपिया से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का संबंध आपके सवालों को समझने में मदद करेगा। अगर आपके पास इस विषय पर और कुछ प्रश्न हैं, तो कृपया पूछें।
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