हेल्लो दोस्तों आज इस पोस्ट में आपको हम Unseen Poem in Hindi With Questions and Answers के बारे में जानकारी देने जा रहे है तो इसको पूरा जरुर पढना और अंत में कमेंट करके बताना की आपको केसा लगा.
1. Unseen Poem in Hindi With Questions and Answers
कदमों की रफ्तार (Kadmon Ki Raftar)
धूप में झुलसे हुए पत्तों सी, जिंदगी है खामोश। टूटे हुए सपनों के टुकड़ों सी, उम्मीदें हैं बेहोश।
हर पल गुजरता है रेत सी, फिसलता रेत की तरह। कोई नदी बहती नहीं, सूख चुका है हर स्रोत।
आँखों में सवाल उभरते हैं, मंजिल है कहाँ दूर? चलते रहना ही है शायद, ये ही है जिंदगी का दस्तूर।
परंतु, कहीं से आहट आई, हवाओं के झोंके से। एक पत्तियां कांप उठीं, टहनियों पे सरसराहट से।
देखा, एक पंछी उड़ रहा है, नीले आसमान की ओर। पंख फैलाए बेखौफ होकर, लहरों सी उड़ान भरता है और।
उसकी रफ्तार में ये कहता है, थकना नहीं है कभी। हर गिरने के बाद उठना है, मंजिल है हर पल तुम्हारी।
जिंदगी की धूप में जलना है, हवाओं से लड़ना है सीखो। कदमों की रफ्तार बनाए रखो, मंजिल खुद ही मिल जाएगी जीयो।
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सवाल और जवाब (Questions and Answers)
- कविता में किस चीज की तुलना की गई है?
- कविता में जिंदगी की तुलना धूप में झुलसे हुए पत्तों से और उम्मीदों की तुलना टूटे हुए सपनों के टुकड़ों से की गई है।
- कविता में किस बात का संदेश दिया गया है?
- कविता में यह संदेश दिया गया है कि जिंदगी में मुश्किलें आती रहती हैं, लेकिन हमें हार नहीं माननी चाहिए। निरंतर प्रयास करते रहना ही सफलता की कुंजी है। पंछी की उड़ान से प्रेरणा लेते हुए हमें भी गिरने के बाद उठना चाहिए और अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
- कविता के अंतिम पंक्ति में क्या सलाह दी गई है?
- कविता के अंतिम पंक्ति में सलाह दी गई है कि हमें जिंदगी की चुनौतियों का सामना करना सीखना चाहिए और निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। ऐसा करने से हमारी मंजिल हमें खुद ही मिल जाएगी।
2. Unseen Poem in Hindi With Questions and Answers
कदमों की रफ़्तार (Kadmon Ki Raftar)
धूप में झुलसे हुए रास्ते, प्यासे से पेड़ खड़े, गरम हवाओं का थपेड़ना, सूरज जलाता है ज़मीं को तनकर।
पंछी भी चुप्पी साधे हुए, पेड़ों की छाँव में छिपे, पानी की बूँद को तरसते हुए, सूखे हुए पत्ते ज़मीं पर गिरे।
एक अकेला पथिक चल रहा, थकान से पैर लड़खड़ाते, लेकिन हौसला उसका बुलंद है, मंजिल की ओर ही निगाहें लगी हैं।
धूप का तेज हो या प्यास का ज़ोर, वो रुकेगा नहीं रास्ते में, चलता रहेगा वो रात-दिन, मंजिल ही उसका एक सहारा है।
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सवाल और जवाब (Questions and Answers)
- कविता में किस मौसम का वर्णन किया गया है? (Which season is described in the poem?)
- जवाब: कविता में गर्मी के मौसम का वर्णन किया गया है। (The poem describes the summer season.)
- कविता में पथिक किसका प्रतीक है? (What is the symbol of the traveler in the poem?)
- जवाब: कविता में पथिक दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास का प्रतीक है। (The traveler in the poem is a symbol of determination and continuous effort.)
- कविता का भाव क्या है? (What is the theme of the poem?)
- जवाब: कविता का भाव है कि मुश्किल परिस्थितियों में भी हार ना मानना चाहिए और अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहना चाहिए। (The theme of the poem is that one should not give up in difficult situations and keep moving towards their goal.)
- “धूप में झुलसे हुए रास्ते” – इस पंक्ति में अलंकार है? (“Dhoop mein jhulse hue raaste” – Is there a figure of speech in this line?)
- जवाब: हाँ, इस पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहाँ सूरज की तपिश से तपते हुए रास्ते की तुलना “झुलसे हुए” से की गई है। (Yes, there is a figure of speech in this line. It is a simile (upma alankar) where the hot road due to the sun’s heat is compared to something “burnt”.)
3. Unseen Poem in Hindi With Questions and Answers
कदमों की राह (Kadmon Ki Rah)
धूप में तपती रेत सी, जिंदगी है बेचैन, हर कदम पर सवाल है, मंजिल कहाँ है दूर या पास, ये जहान।
पंछी बनकर उड़ना चाहूँ, छू लूँ मैं आसमान, पर पैरों में जकड़न सी, ज़मीन खींचती है मुझे निरंतर, बेइंतिहा।
पेड़ों सी छाया बनना चाहूँ, राह चलते थके को दे दूँ विश्राम, पर खुद ही तूफानों से जूझता, जड़ों से जकड़ा हुआ एक नाम।
दरिया बनकर बहना चाहूँ, ले जाऊँ सब ग़म दूर, पर खुद ही सीमित हूँ किनारों में, लहरों की गूँज अधूरी, मजबूर।
फिर भी चलता हूँ, कदमों की राह पर, मंजिल की परवाह किए बिना, शायद कहीं कोने में छुपी हो खुशी, ये उम्मीद ही देती है मुझको ज़िंदगी।
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Jawab (Answers):
1. कविता में रेत से जिंदगी की तुलना क्यों की गई है? (Why is life compared to sand in the poem?)
जवाब: रेत की तरह, जिंदगी भी बेचैन और अस्थिर है। हमेशा बदलती परिस्थितियाँ और अनिश्चितता इस तुलना का कारण हैं। (Life is restless and uncertain, like sand. This comparison is used because of the ever-changing situations and uncertainties.)
2. कवि किन चीजों बनना चाहता है और क्यों? (What does the poet want to become and why?)
जवाब: कवि पंछी बनकर उड़ना चाहता है आज़ादी पाने के लिए। पेड़ बनकर छाया देना चाहता है दूसरों की मदद करने के लिए। दरिया बनकर बहना चाहता है गम दूर करने के लिए। (The poet wants to be a bird to fly and experience freedom. He wants to be a tree to provide shade and help others. He wants to be a river to wash away sorrows.)
3. कविता में जड़ों और किनारों का क्या प्रतीक है? (What is the symbolism of roots and shores in the poem?)
जवाब: जड़ें और किनारे बाधाओं और सीमाओं का प्रतीक हैं जो कवि को उसके लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकती हैं। (Roots and shores symbolize the limitations and restrictions that prevent the poet from achieving his goals.)
4. कविता का भाव क्या है? (What is the central theme of the poem?)
जवाब: कविता जीवन की यात्रा और उसकी चुनौतियों को दर्शाती है। कविता हमें यह भी बताती है कि उम्मीद और निरंतर प्रयास से ही खुशी मिल सकती है। (The poem depicts the journey of life and its challenges. It also tells us that happiness can only be found with hope and continuous effort.)
5. आपको यह कविता कैसी लगी? (How did you find this poem?)
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