दोस्तों नमस्कार आप सभी का स्वागत है आज मैं आपको एक ऐसी motivational stories बता रहा हु जिसे पढ़ने के बाद आपकी ऊर्जा पहले जैसी नही रहेगी तो चलिए बिना आपका समय गवाये motivational story को शुरू करते है …
short motivational hindi stories with moral |
ये कहानियाँ आपको सफल बना सकती है 3 Best Motivational Story in Hindi
किसी ने मुझसे पूछा motivational story पढ़ने से क्या होता है मेने जवाब दिया motivational story पढ़ने से हमे दुसरो की गलतियों का पता चलता है ताकि हम गलती ना करे इसलिए ज्यादा से ज्यादा motivational story को पढ़िए…
1. हार गया लेकिन खुद से जीत गया
हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा अब रेस शुरू हुई…
हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2 सारे धावक आगे निकल रहे थे मगर अब हरीश थक गया था वह रुक गया.
फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो कम से कम चल तो सकता हु उसने ऐसा ही किया वह धीरे – 2 चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था अब वह बहुत ज्यादा थक गया था और नीचे गिर पड़ा उसने खुद को बोला की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा वह जिद करके वापस उठा लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया माना कि वह रेस हार चुका था लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले race को कभी पूरा ही नही कर पाया था वह जमीन पर पड़ा हुआ था क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था लेकिन आज वह बहुत खुश था क्योंकि आज वह हार कर भी जीता था
दोस्तों हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत जाएंगे.
छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ यही सफलता का नियम है अगर आपको भी ये motivational story अच्छी लगी हो तो comment के माध्यम से हमे जरूर बताएं अगर आप और भी motivational story को पढ़ना चाहते हो तो आप बिलकुल सही जगह हो यहां पर आपको काफी सारी motivational stories का संग्रह मिलेगा जो आपको जीवन मेआगे बढ़ने की प्रेरणा देगा
2.परिस्थितियों को दोष देना
काफी समय पहले की बात है दोस्तों एक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह है अगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे मतलब ब्लेम कर रहा था कि यह होता तो वो होता और वो होता तो शायद ऐसा होता ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा खुद से फिर बाद उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी दिखाई दी .
इसके बाद कहीं से एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई स्त्रोत नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी है अगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते हो वह चला गया दोस्तों तो यह कहानी हमें क्या सिखाती है यह कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि अगर यहां पर ऐसा हो और आपको वह सोर्सेस मिल जाए तो क्या परिस्थिति को बदल सकते हो…
इस कहानी में तो यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं अगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते सिर्फ वह ब्लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा नहीं बनना है दोस्तों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो कि परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तो आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना घटित होती है आप अपना योगदान जरूर देंगे.
3. ईमानदारी का फल best hindi motivation story
काफी समय पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था वहाँ का राजा बहुत अच्छा था मगर राजा को एक सुख नही था वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये ऐसा ही हुआ राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था देखते ही देखते 3 महीने बीत गए बच्चा परेशान हो गया …
तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजो को फलने में ज्यादा वक्त लगता है और वह पौधे को सींचता रहा 6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा लेकिन वह बच्चा ईमानदार था और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे…
कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है …
राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया सभी बच्चे जोर से हसने लगे राजा ने कहा शांत हो जाइये इतने खुश मत होइए आप सभी के पास जो पौधे है वो स.ब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा लेकिन असली बीज यही था राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया.
लेकिन हमें इस कहानी से क्या सीखने को मिला मेरे हिसाब से अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है अगर हम खुद के साथ ईमानदार है तो जीवन के किसी न किसी पड़ाव में सफल हो ही जाएंगे क्योंकि हमारी औकात हमे ही पता होती है हम खुद को पागल बनाकर खुद का ही नुकसान करते है