Dussehra क्यों मनाया जाता है या विजयादशमी का महत्व पर निबंध , कथा, कविता एवम शायरी ♥️ (Dussehra Essay 2022 meaning or Vijayadashami significance, Katha In Hindi) @susawat122
आप सभी को Ramनवमी एवं Dussehra के पावन त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएँ!🌹💐
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ….🙏
कि आप व आपका परिवार सदैव सुख समृद्ध व खुशहाल रहे! ✌️👍
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं….🏹🏹🚩🚩🚩
🌻🌹🌻Good Morning & Happy Dashrah🌻🌹🌻
Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) – Dussehra हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसके अलावा, यह सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले भारतीय त्योहारों में से एक है। पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ Dussehra मनाते हैं। Dussehra (Dussehra) को भारत के कई प्रांतों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। Dussehra का पावन समय सभी के लिए खुशी मनाने का समय होता है। छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों और कॉलेजों से दस दिन की लंबी छुट्टियां भी मिलती हैं, जिसका छात्र भरपूर आनंद उठाते हैं। बच्चों को विद्यालयों में Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी Dussehra के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें Dussehra के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। इसके अलावा कभी-कभी छोटी कक्षा के छात्रों से परीक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। ऐसे में Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखना व लिखने का तरीका जानना उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग Dussehra कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।
दशहरे के इस त्योहार को विजयादशमी भी कहा जाता है, इसे जश्न का त्यौहार कहते हैं. आज के वक्त में यह बुराई पर अच्छाई की जीत का ही प्रतीक हैं. बुराई किसी भी रूप में हो सकती हैं जैसे क्रोध, असत्य, बैर,इर्षा, दुःख, आलस्य आदि. किसी भी आतंरिक बुराई को ख़त्म करना भी एक आत्म विजय हैं और हमें प्रति वर्ष अपने में से इस तरह की बुराई को खत्म कर विजय दशमी के दिन इसका जश्न मनाना चाहिये, जिससे एक दिन हम अपनी सभी इन्द्रियों पर राज कर सके.
Dussehra या विजयादशमी महत्व पर निबंध (Dussehra or Vijayadashami significance)
यह बुरे आचरण पर अच्छे आचरण की जीत की ख़ुशी में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं.सामान्यतः Dussehra एक जीत के जश्न के रूप में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं. जश्न की मान्यता सबकी अलग-अलग होती हैं. जैसे किसानो के लिए यह नयी फसलों के घर आने का जश्न हैं. पुराने वक़्त में इस दिन औजारों एवम हथियारों की पूजा की जाती थी, क्यूंकि वे इसे युद्ध में मिली जीत के जश्न के तौर पर देखते थे. लेकिन इन सबके पीछे एक ही कारण होता हैं बुराई पर अच्छाई की जीत. किसानो के लिए यह मेहनत की जीत के रूप में आई फसलो का जश्न एवम सैनिको के लिए युद्ध में दुश्मन पर जीत का जश्न हैं.
Dussehra 2022 में कब है? (Dussehra 2022 Date) :
Dussehra अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. यह नवरात्र खत्म होते ही अगले दिन आने वाला त्योंहार है. 2022 में 5 अक्टूबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा. इसे विजय त्योहार या विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है. भारत में कुछ जगहों पर इस दिन Rawan को जलाया नहीं जाता बल्कि उसकी पूजा भी की जाती है. यह जगह इस प्रकार है – कर्नाटक के कोलार, मध्यप्रदेश के मंदसौर, राजस्थान के जोधपुर, आंध्रप्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल के बैजनाथ इत्यादि जगहों पर Rawan की पूजा की जाती है.
Dussehra त्योहार की कहानी क्या है, क्यों मनाया जाता है? (Dussehra Festival story)
Dussehra के दिन के पीछे कई कहानियाँ हैं, जिनमे सबसे प्रचलित कथा हैं भगवान Ram का युद्ध जीतना अर्थात Rawan की बुराई का विनाश कर उसके घमंड को तोड़ना
Ram अयोध्या नगरी के राजकुमार थे, उनकी पत्नी का नाम सीता था एवम उनके छोटे भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण था. राजा दशरथ Ram के पिता थे. उनकी पत्नी कैकई के कारण इन तीनो को चौदह वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़ कर जाना पड़ा. उसी वनवास काल के दौरान Rawan ने सीता का अपहरण कर लिया.
Rawan चतुर्वेदो का ज्ञाता महाबलशाली राजा था, जिसकी सोने की लंका थी, लेकिन उसमे अपार अहंकार था. वो महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था. वास्तव में Rawan के पिता विशर्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी, इसलिए Rawan में एक ब्राह्मण के समान ज्ञान था एवम एक राक्षस के समान शक्ति और इन्ही दो बातों का Rawan में अहंकार था. जिसे ख़त्म करने के लिए भगवान विष्णु ने Ramावतार लिया था.
Ram ने अपनी सीता को वापस लाने के लिए Rawan से युद्ध किया, जिसमे वानर सेना एवम हनुमान जी ने Ram का साथ दिया. इस युद्ध में Rawan के छोटे भाई विभीषण ने भी भगवान Ram का साथ दिया और अन्त में भगवान Ram ने Rawan को मार कर उसके घमंड का नाश किया
Dussehra त्योहार से जुड़ी कथाएं –
1. Ram की रावन पर विजय का त्योहार
2. राक्षस महिसासुर का वध कर दुर्गा माता विजयी हुई थी
3. पांडवों का वनवास
4. देवी सती अग्नि में समां गई थी.
आज दहशरा कैसे मनाया जाता हैं ? (Dussehra Festival Celebration in India)
आज के समय में Dussehra इन पौराणिक कथाओं को माध्यम मानकर मनाया जाता हैं. माता के नौ दिन की समाप्ति के बाद दसवे दिन जश्न के तौर पर मनाया जाता हैं. जिसमे कई जगहों पर Ram लीला का आयोजन होता है, जिसमे कलाकार Ramायण के पात्र बनते हैं और Ram-Rawan के इस युद्ध को नाटिका के रूप में प्रस्तुत करते हैं.
Dussehra का मैला (Dussehra Festival Mela):
कई जगहों पर इस दिन मैला लगता है, जिसमे कई दुकाने एवम खाने पीने के आयोजन होते हैं. उन्ही आयोजनों में नाट्य नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया जाता हैं.
इस दिन घरों में लोग अपने वाहनों को साफ़ करके उसका पूजन करते हैं. व्यापारी अपने लेखा का पूजन करते हैं. किसान अपने जानवरों एवम फसलो का पूजन करता हैं. इंजिनियर अपने औजारों एवम अपनी मशीनों का पूजन करते हैं.
इस दिन घर के सभी पुरुष एवम बच्चे दशहरे मैदान पर जाते हैं. वहाँ Rawan, कुम्भकरण एवम Rawan पुत्र मेघनाथ के पुतले का दहन करते है. सभी शहर वासियों के साथ इस पौराणिक जीत का जश्न मनाते हैं. मैले का आनंद लेते हैं. उसके बाद शमी पत्र जिसे सोना चांदी कहा जाता हैं उसे अपने घर लाते हैं. घर में आने के बाद द्वार पर घर की स्त्रियाँ, तिलक लगाकर आरती उतारकर स्वागत करती हैं. माना जाता हैं कि मनुष्य अपनी बुराई का दहन करके घर लौटा है, इसलिए उसका स्वागत किया जाता हैं. इसके बाद वो व्यक्ति शमी पत्र देकर अपने से बड़ो के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेता हैं. इस प्रकार घर के सभी लोग आस पड़ोस एवम रिश्तेदारों के घर जाकर शमी पत्र देते हैं एवम बड़ो से आशीर्वाद लेते हैं, छोटो को प्यार देते हैं एवम बराबरी वालो से गले मिलकर खुशियाँ बाटते हैं.
- अगर एक पंक्ति में कहे तो यह त्योहार आपसी रिश्तो को मजबूत करने एवम भाईचारा बढ़ाने के लिए होता हैं, जिसमे मनुष्य अपने मन में भरे घृणा एवम बैर के मेल को साफ़ कर एक दुसरे से एक त्यौहार के माध्यम से मिलता हैं.
- इस प्रकार यह त्योहार भारत के बड़े- बड़े त्योहार में गिना जाता हैं एवम पुरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं.
- हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं के पीछे बस एक ही भावना होती हैं, वो हैं प्रेम एवं सदाचार की भावना. यह त्योहार हमें एकता की शक्ति याद दिलाते हैं जिन्हें हम समय की कमी के कारण भूलते ही जा रहे हैं, ऐसे में यह त्यौहार ही हमें अपनी नींव से बाँधकर कर रखते हैं.
- दशहरे का बदलता रूप
- आज के समय में त्यौहार अपनी वास्तविक्ता से अलग जाकर आधुनिक रूप ले रहे हैं, जिसने इसके महत्व को कहीं न कहीं कम कर दिया हैं| जैसे-
- दशहरे पर एक दुसरे के घर जाने का रिवाज था, अब ये रिवाज मोबाइल कॉल एवम इंटरनेट मेसेज का रूप ले चुके हैं.
खाली हाथ नहीं जाते थे, इसलिए शमी पत्र ले जाते थे, लेकिन अब इसके बदले मिठाई एवम तौहफे ले जाने लगे हैं, जिसके कारण यह फिजूल खर्च के साथ प्रतिस्पर्धा का त्यौहार बन गया हैं.
Rawan दहन के पीछे उस पौराणिक कथा को याद रखा जाता था, जिससे एक सन्देश सभी को मिले कि अहंकार सर्वनाश करता हैं, लेकिन अब तरह- तरह के फटाके फोड़े जाते हैं, जिनके कारण फिजूल खर्च बढ़ गया हैं. साथ ही प्रदुषण की समस्या बढ़ती जा रही हैं एवम दुर्घटनायें भी बढती जा रही हैं.
इस प्रकार आधुनिकरण के कारण त्यौहारों का रूप बदलता जा रहा हैं. और कहीं न कहीं आम नागरिक इन्हें धार्मिक आडम्बर का रूप मानकर इनसे दूर होते जा रहे हैं. इनका रूप मनुष्यों ने ही बिगाड़ा हैं. पुराणों के अनुसार इन सभी त्योहारों का रूप बहुत सादा था. उसमे दिखावा नहीं बल्कि ईश्वर के प्रति आस्था थी. आज ये अपनी नींव से इतने दूर होते जा रहे हैं कि मनुष्य के मन में कटुता भरते जा रहे हैं. मनुष्य इन्हें वक्त एवम पैसो की बर्बादी के रूप में देखने लगा हैं.
हम सभी को इस वास्तविक्ता को समझ कर सादगी के रूप में त्यौहारों को मनाना चाहिये. देश की आर्थिक व्यवस्थता को सुचारू रखने में भी त्यौहारों का विशेष योगदान होता हैं इसलिए हमें सभी त्यौहार मनाना चाहिये.
प्रस्तावना (Introduction) – Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)
Dussehra दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले आता है। विजयदशमी का यह त्यौहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास आता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह त्योहार आश्विन मास में मनाया जाता है। सनातन/हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों को Dussehra त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। Dussehra का त्यौहार सभी के लिए खुशी मनाने का क्षण लेकर आता है। परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं और ढेर सारी खरीदारी करते हैं। साल 2022 में विजयदशमी 05 अक्टूबर को मनाई जा रही है।
छात्र नीचे दिए गए Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra) की जांच कर सकते हैं और Dussehra/विजयदशमी त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं।
यहां बच्चों के लिए Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) दिया गया है, जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं और अधिक जानकारी इकठ्ठा कर सकते हैं:
Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra)
Dussehra का अर्थ – Dussehra शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस’ और ‘हारा ‘से मिलकर बना है, जहाँ ‘दस’ गणिता के अंक दस (10) और हारा शब्द ‘सत्यानाश/पराजित’ का सूचक है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो ‘Dussehra’ बनता है, जो उस दिन का प्रतीक है जब दस सिर वाले दुष्ट Rawan का भगवान Ram ने वध किया था।
बुराई पर अच्छाई की जीत – Dussehra को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है और वह है बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देना।
दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं पर नजर डालें तो कहा जाता है कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान Ram ने Dussehra के दिन ही असुरों के महान राजा Rawan से युद्ध किया था और उसे पराजित कर ये सिद्ध किया था कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।
इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों घटनाओं का परिणाम समान है, बुराई पर सच्चाई की जीत निश्चित है। जिसका परिणाम अंधकार पर प्रकाश, झूठ पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है।
Dussehra समारोह – पूरे भारत में लोग Dussehra को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। भारत में विभिन्न संस्कृतियां होने के बावजूद, यह किसी भी तरह से त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती है। Dussehra/विजयदशमी के पूरे त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है।
विजयदशमी के अवसर पर, बंगाली बिजॉय दशमी मनाते हैं जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है। इस दिन, देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है और उसका विसर्जन किया जाता है। विवाहित महिलाएं भी एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान-प्रदान करती हैं और एक दूसरे को दावत देती हैं। कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है।
ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिये। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ Ramायण में ऐसा उल्लेख किया गया है कि भगवान Ram ने Rawan को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त कर चुके Rawan वध करना संभव हो पाया था।
Ramलीला का आयोजन – Dussehra राक्षसों के राजा Rawan पर भगवान Ram की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोग Dussehra को दस दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में भी मनाते हैं। इस नाटकीय रूप को Ram-लीला कहा जाता है। उत्तर भारत में लोग मुखौटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से Ram-लीला का आयोजन करते हैं, साथ ही इसका लुत्फ भी उठाते हैं।
Rawan दहन – Ramायण में कथित छंद का पालन करते हुए, वे Rawan, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाते हैं। इसके बाद पुतलों को जलाने के लिए उनमे विस्फोटक पदार्थ भरा जाता है और जमकर आतिशबाजी की जाती है। इस दौरान एक आदमी भगवान Ram की भूमिका निभाता है और जलाने के लिए पुतलों पर आग लगे हुए तीर चलाता है। लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान Ram की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन हजारों दर्शकों के मौजूदगी में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है।
हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहाँ उपस्थित होते हैं। बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद करते हैं। वे आतिशबाजी देखते हैं और आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उठाते हैं।
Dussehra का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हालाँकि, सभी धर्मों के लोग Rawan दहन को देखने के लिए आते हैं। Rawan दहन का यह कार्यक्रम लोगों को एकजुट करता है, क्योंकि दर्शक न कि केवल हिंदू धर्म से बल्कि सभी धर्म के लोग होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि Dussehra हमें सिखाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई को मात देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है।
हमें जरुरत है अपने अंदर के Rawan को मारने की – Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)
हम बाहर Rawan का पुतला तो जलाकर ये बता देते हैं कि बुराई की हमेशा हार और सचाई की हमेशा जीत होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक त्योहार है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के Rawan पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह त्योहार मनाना चाहिए। वो सतयुग का दौर था जिसमें केवल एक Rawan था जिसपर भगवान Ram ने विजय प्राप्त की थी, पर यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में Rawan छुपा बैठा है। इतने Rawan पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। जिस प्रकार एक दीपक की रौशनी अंधकार का नाश करने के लिए काफी होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच ही काफी है अपने अंदर के Rawan का नाश करने के लिए।
विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां
विजयदशमी जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसी शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में Dussehra के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए, तो Dussehra का त्योहार वास्तव में आनंदमय हो जाएगा
उपसंहार (Conclusion) – Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi)
हिन्दू धर्मग्रंथ Ramायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और वर प्राप्ति के लिए भगवान श्री Ram ने चंडी होम कराया था। Dussehra को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है कि युद्ध के दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था।
विजयादशमी का त्योहार लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख, लोगों के मन में नई चाह और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है। भगवान श्री Ram ने Rawan का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है। इस दिन सबके घरों में पकवान आदि बनाए जाते है।
Dussehra पर निबंध 10 लाइन (Essay on Dussehra in Hindi- 10 lines)
Dussehra पर निबंध 10 लाइन में जानने के लिए आप नीचे दिए गए बिंदुओं पर नजर डाल सकते हैं। यहाँ आपके लिए Dussehra निबंध 10 पर लाइन दिया गया है-
Dussehra हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे 10 दिनों तक मनाया जाता है।
Dussehra का त्योहार राक्षस Rawan पर भगवान Ram की जीत का प्रतीक है।
संस्कृत में Dussehra शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा।
यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।
Dussehra न केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों जैसे मुस्लिम, ईसाई और सिखों द्वारा भी मनाया जाता है।
Dussehra को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।
Ram-लीला Ramायण का एक नाट्य रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयादशमी के दिन किया जाता है।
इस दिन Rawan, कुंभकरण और मेघनाद जैसे राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं।
दस सिर वाले Rawan को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।
Dussehra भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा Rawan की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।
Frequently Asked Question (FAQs) – विजयदशमी अथवा Dussehra पर निबंध (Essay on Dussehra or Vijayadashmi in Hindi)
प्रश्न: हम Dussehra क्यों मनाते हैं, संक्षेप में जानकारी?
उत्तर: उत्तर भारत में, Dussehra भगवान Ram द्वारा Rawan के वध की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार महिला देवत्व का उत्सव भी है क्योंकि यह देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर की हत्या का भी प्रतीक है। Dussehra इस सोच के साथ मनाएं कि सत्य हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करता है।
प्रश्न: Dussehra का क्या अर्थ है?
उत्तर: Dussehra का अर्थ: Dussehra शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस’ और ‘हारा ‘से मिलकर बना है, जहाँ दस’ का अर्थ दस (10) और हारा का मतलब सत्यानाश/पराजित है।
प्रश्न: Dussehra का त्योहार हमारे समुदाय में कैसे योगदान देता है?
उत्तर: यह त्योहार दस दिनों तक चलने वाला त्योहार है। इतने सारे लोगों को पंडाल, मूर्तियाँ, मिट्टी के चित्र और सज्जाकार बनाने में रोजगार मिलता है। व्यवसाय में वृद्धि से स्थानीय दुकानदारों, मिठाइयों, स्थानीय विक्रेताओं, पुजारियों, रंगमंच कलाकारों को लाभ होता है।
प्रश्न: essay on dussehra in hindi kaha milega?
उत्तर: आप इस लेख में Dussehra पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें इसकी जानकारी और साथ ही बेहतर समझ के लिए Dussehra पर निबंध देख सकते हैं।
प्रश्न: Dussehra पर 10 लाइन का निबंध
उत्तर: इस लेख से Dussehra पर 10 लाइन का निबंध प्राप्त कर सकते हैं।
Dussehra पर कविता एवम शायरी (Dussehra Kavita Shayari in Hindi)
बुराई का रूप अब भ्रष्ट्राचार हैं Rawan के रूप में नेताओं का अत्याचार हैं देश रूपी इस लंका में कौन Ram बनेगा यहाँ तो अब बस मिलावटी व्यवहार हैं
त्यौहारों के इस देश में हर त्यौहार का हैं अपना मान प्रेम से मनाने में ही हैं इनकी शान चलो रचायें दशहरे की धूमधाम
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Ram नाम का जाप करे ये अहंकार विनाशी हैं जिसने Rawan का नाश किया वही अयोध्या वासी हैं
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बुराई पर अच्छाई की जीत झूठ पर सच्चाई की जीत अहम् ना करो गुणों पर यही हैं इस दिवस की सीख
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हर त्यौहार लाता हैं जीवन में बहार ईश्वर के दर पर मनुष्य की दरकार करो जीवन में सभी का सत्कार बधाई हो बधाई हैं दशहरे का त्यौहार
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अधर्मी का करके विनाश फैलाया Ram राज करो आज प्रतिज्ञा सभी बुराई को खत्म कर करोगे
इन्द्रियों पर अपना राज
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माता सीता की खोज में किया लंका पार दिलाया सभी दुखियों को विश्वास तोड़कर महा अहंकारी का अहंकार किया दुखियों का उद्धार
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साधारण मनुष्य की छवि में जन्मे कराया सबको पुरुषार्थ का ज्ञान किया दशानंद के अहम् का विनाश फैलाया न्याय और धर्म का प्रकाश
सिखाया सेवक का भाव जिसने उसी ने बताया मित्रता का व्यवहार ऐसा रोचक था Ramायण पुराण जिसने सिखाया जीवन ज्ञान