मिट्टी के ठोस प्रबंधन से ही मिलेगा भविष्य का निवाला

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धरती पर मानव के अस्तित्व के लिए जरूरी घटकों में मिट्टी भी है। वजह यह है कि हमारा 95% भोजन मिट्टी से आता है। साथ ही पौधों के लिए जरूरी 18 प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक तत्वों में से 15 की आपूर्ति मिट्टी से होती है। वैज्ञानिक टिकाऊ मिट्टी प्रबंधन के उपाय खोज रहे हैं। विश्व के इन स्टार्टअप में इसका हल ढूंढा है


5 दिसंबर- विश्व मिट्टी दिवस

5 दिसंबर- विश्व मिट्टी दिवस
5 दिसंबर- विश्व मिट्टी दिवस

संयुक्त राष्ट्र हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाता है ताकि मृदा प्रबंधन द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करके स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। इस वर्ष, इस दिवस को मनाने का विषय मृदा: जहां भोजन शुरू होता है। मिट्टी का जश्न मनाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस का प्रस्ताव 2002 से शुरू हुआ था और इसकी शुरुआत इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉइल साइंसेज ने की थी। हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लगभग एक दशक बाद आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव को अपनाया और 2014 में, पहला official world soil day मनाया गया।

खाद का विश्लेषण

लागत कम करते हुए पैदावार बढ़ाने के लिए खेती उद्योग तेजी से स्मार्ट तकनीकों और सटीक कृषि पद्धतियों को अपना रहा है। इसी कड़ी में नामीबियाई स्टार्टअप मिस्टेल अपने ग्राहकों के लिए मिट्टी, खाद और पौधों के नमूने का कृषि विश्लेषण प्रदान करता है। स्टार्टअप द्वारा प्रदान की जाने वाली मृदा विश्लेषण सेवाओं में मिट्टी की बनावट और पोषक विश्लेषण, कृषि फसल और उर्वरक सिफारिशें और खाद विश्लेषण शामिल हैं।

यह खेतों और किसानों को अपनी मिट्टी की गुणवत्ता का विश्लेषण करने, फसल की पैदावार में सुधार करने और उच्च लागत के बिना स्थायी जल संचयन तकनीकों को अपनाने की सलाह भी देता है। मिस्टेल का खाद्य विभाग 2019 के सनलाम इनोवेशन वर्क्स पुरस्कार के लिए 5 फाइनलिस्ट में शुमार रहा है। विभाग को सनलाम और नामीबिया बिजनेस इनोवेशन इंस्टीट्यूट के जरिए मेंटरशिप मि चुकी है।

मिट्टी की गुणवत्ता की निगरानी

पौधे बड़ी मात्रा में रोगजनकों, परजीवी, रूट फीडर, तापमान आदि से प्रभावित होते हैं। मिट्टी की स्थिति पर मात्रात्मक डेटा की कमी के कारण किसान समय से पहले समस्याओं का सटीक अनुमान नहीं लगा पाते। इसी समस्या को दूर करते हुए अमरीका के स्टार्टअप टेरालिटिक ने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए वायरलेस नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम (एनपीके) सेंसर विकसित किया है। इसके लिए वातन, श्वसन, वायु तापमान, प्रकाश और आर्द्रता के साथ तीन अलग-अलग गहराई पर मिट्टी की नमी, लवणता और एनपीके को नापने के लिए 26 सेंसर हैं। जांच के बाद उत्पादक खाद बदल सकता है, जिससे लागत में बचत होती है और उपज बढ़ती है।

मिट्टी की नमी का सेंसर

मिट्टी में नमी का स्तर पौधे के कोशिका विभाजन और पौधे के जरिए पोषक तत्वों के परिवहन में अहम भूमिका निभाता है। नमी की इसी अहमियत को देखते हुए तुर्की के स्टार्टअप सुयाबेकन ने ऐसा सेंसर बनाया है, जो मिट्टी की नमी की वास्तविक समय की निगरानी करता है। डेटा संग्रह स्टेशन एक किलोमीटर के दायरे के कवरेज क्षेत्र के भीतर सेंसर बार द्वारा भेजे गए मापों को इकट्ठा करता है और उन्हें डेटा सेंटर तक पहुंचाता है। खेतों में पानी के उपयोग को कम करने के अलावा सेंसर किसानों को मिट्टी की विशेषताओं और पौधों के प्रकारों को मैप करने में भी सक्षम बनाता है। इससे कम लागत में पैदावार बढ़ाई जा सकती है।

कार्बन उत्सर्जन सेंसर

जैसे-जैसे खेती बढ़ रही है, ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई स्टार्टअप एग्री-ईपीआई सेंटर ने खास सेंसर तैयार किया है। यह दिन, महीने, मौसम और साल के अलग-अलग समय पर मिट्टी और फसलों से कार्बन उत्सर्जन की निगरानी करता है। यह किसानों को कार्बन उत्सर्जन को मॉनिटर कर इसे कम करने की प्रेरणा देता है। इसके इस्तेमाल से कई किसान विभिन्न सरकारों से पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं।

मिट्टी का मानचित्र

खेत की मिट्टी किस फसल के उपयोगी है, या इसमें जल निकासी की कितनी क्षमता है, यदि यह जानकारी किसानों को समय पर मिल जाए तो उत्पादन बढ़ा सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई स्टार्टअप फार्मलैब प्रबंधन सॉफ्टवेयर विकसित करता है। यह ऊंचाई परतों या गामा परतों का इस्तेमाल कर मानचित्र बनाकर मिट्टी की उर्वरता में परिवर्तन का सुझाव देता है। यह मिट्टी के नमूनों से डेटा लेता है और उन्हें मैप करता है।


FAQ :

मिट्टी का PH कितना होता है?

मिट्टी का PH मान 3.5 और 10 के बीच होता है।