Animal biography in hindi: जानवरों की जीवनी बहुत रोचक और उपयोगी होती है। यह हमें उनकी जीवन शैली, खाने-पीने के अभ्यस्तता, उनकी संघटना और जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में बताती है। यह हमें जानवरों की संसार के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करती है।
शेर: शेर दुनिया के सबसे खतरनाक जानवरों में से एक है। शेर का वजन 190 से 230 किलो तक होता है और यह देशों के जंगलों में पाया जाता है। शेर एक अकेला जानवर होता है जो अपने शिकार को खुद ही मारता है। इसका खान-पान मांस और पानी होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
शेर एक जंगली जानवर है जो अधिकतर अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 4 से 5 फुट तक होती है और इसका वजन 250 से 550 पाउंड तक हो सकता है। शेर एक शक्तिशाली जानवर होता है और इसे “जंगल का राजा” के नाम से भी जाना जाता है।
शेर एक शिकारी जानवर होता है और इसकी प्रमुख खुराक में मुख्य रूप से हिरण और बाघ होते हैं। शेर के जंगल में अपनी बाहुओं और शिकार के लिए संगठित जानवरों की एक समूह होती है जिसे “प्राइड” कहा जाता है।
शेर एक जंगली जानवर होता है जो वनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी संरक्षा के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा कार्रवाई की जाती है। इसके बढ़ते उत्साहजनक प्रजनन दर को सुनिश्चित करने के लिए, शेरों को शिकार करने से रोका जाता है और उनकी संरक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
हाथी: हाथी दुनिया के सबसे बड़े जानवर होते हैं। इनकी ऊंचाई 11 फीट तक होती है और इनका वजन 6 टन तक हो सकता है। हाथी के दो दांत बड़े होते हैं जो इसकी खतरनाकता को बताते हैं। हाथी का खान-पान फल और पत्तियों का होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
हाथी एक बड़ा जंगली जानवर है जो दक्षिण एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई लगभग 8-13 फुट तक होती है और इसका वजन 5,000 से 14,000 पाउंड तक हो सकता है। हाथी एक बहुत ही बुद्धिमान और समाजी जानवर होता है।
हाथी खाने के लिए जंगल में मूल्यवान वनस्पतियों को तोड़ता है और नदियों में स्नान करता है। हाथी एक समाजी जानवर होता है जो “हेर्ड” यानी झुंड के रूप में रहता है। हेर्ड में कुछ महिलाएँ और उनके बच्चे होते हैं, जिन्हें “कलार” कहा जाता है और एक नेता होता है जिसे “बुल” कहा जाता है।
हाथी को अब खतरा हो रहा है क्योंकि उसकी खासियतों के कारण लोग इसे शिकार करते हैं। हाथी की संरक्षा के लिए, विभिन्न देशों ने कुछ संरक्षण क्षेत्र बनाये हैं और इसके संरक्षण के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं।
बाघ: बाघ एक खतरनाक जानवर होता है जो अपनी ताकत के लिए जाना जाता है। यह देशों के जंगलों में पाया जाता है।
बाघ एक अधिकतर अफ्रीकी देशों और भारत में पाया जाने वाला जंगली जानवर है। यह जानवर अपनी शक्ति, ताकत और साहस के लिए जाना जाता है। इसकी वजन लगभग 300 से 600 पाउंड तक हो सकता है और इसकी ऊंचाई लगभग 3 से 3.5 फुट होती है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
बाघ एक जीवंत संगठन का भाग होता है, जो उसके शिकार करने और खाने के लिए बनाया जाता है। यह एक अकेला जानवर होता है और रात में शिकार करता है। बाघ अपने शिकार को ध्यान से निशाना बनाते हुए उसे पकड़ते हैं और उसे अपने दोनों पैरों से दबोच कर मारते हैं।
बाघ जंगलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। वे इसकी संतुलित विकास और वनों में प्रजनन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाघ एक सुरक्षित जीवन और जंगलों की संरक्षा के लिए संगठनों द्वारा संरक्षित किए जाते हैं।
जिराफ: जिराफ एक बड़ा शाकाहारी जानवर है जो अफ्रीका के महाद्वीप में पाया जाता है। यह दुनिया का सबसे ऊँचा जानवर होता है, जिसकी ऊँचाई सीधी तौर पर 18 फीट तक होती है। इसकी लम्बाई का एक बड़ा हिस्सा उसकी लम्बी गरदन में होता है जो लगभग 6 फीट तक होती है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
जिराफ के शरीर का रंग पीला होता है और उसमें गहरे ब्राउन या ब्लैक के गोलारगणित दाने होते हैं। जिराफ के दो सीधे शिकार होते हैं जो लम्बे होते हुए उसकी बड़ी ऊँचाई के कारण भी आसानी से दिखते हैं।
जिराफ एक समुदायी जानवर होता है और सदैव अपने जानवरों के साथ रहता है। यह बहुत ही सामाजिक जानवर होता है और अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलजुल कर रहता है। यह जानवर अपने दांतों को रखने के लिए अपनी ऊँचाई से ऊपर की पत्तियों और शाखाओं को खाता है।
जिराफ अफ्रीकी सवानों और बंदरगाहों में पाया जाता है और यह घने जंगलों में नहीं पाया जाता है।
घोड़ा: घोड़ा एक चारपाया जानवर है जो इंसान के द्वारा पालतू बनाया गया है। इसकी ऊँचाई लगभग 4 से 6 फुट तक होती है और इसका वजन लगभग 1000 से 2000 पाउंड तक होता है। घोड़ा संवेदनशील होता है और एक सच्चा साथी बन सकता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
घोड़े को पुराने समय से ही इंसान के द्वारा अनेक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जैसे कि युद्ध में लड़ाई के लिए, विभिन्न प्रकार के खेलों में भाग लेने के लिए, दौड़ में भाग लेने के लिए और अन्य कार्यों के लिए।
घोड़ों के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि अरब, थोरोब्रेड, पोनी आदि। घोड़े खाने के लिए घास, चारा, धान आदि खाते हैं।
घोड़ों की संरक्षा के लिए, अनेक देशों में घोड़ों को संरक्षित करने के लिए कुछ संरक्षण क्षेत्र बनाए गए हैं। घोड़ों को संरक्षित करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं और इसकी संरक्षा के लिए कुछ संस्थाएं काम कर रही हैं।
गधा: गधा एक पालतू जानवर है जो बाघबन्दी एवं खेती के काम में इस्तेमाल होता है। यह चौपाया होता है, इसके चार पैर होते हैं और उसकी ऊँचाई लगभग 4 फीट होती है। गधों के शरीर का रंग अक्सर सफेद होता है, लेकिन वे कुछ अन्य रंगों में भी पाए जाते हैं। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
गधे ज्यादातर सुबह और शाम के समय खाने के लिए उपलब्ध घास खाते हैं। इसके अलावा, उन्हें धान, चने और गेंहू की खेती में भी इस्तेमाल किया जाता है। गधों को अक्सर बड़े भार वाले सामानों को खींचने के काम में भी इस्तेमाल किया जाता है।
गधे बहुत ही अधिक श्रमशील होते हैं और उन्हें लंबे समय तक काम करने के लिए उन्हें उचित देखभाल और आहार की आवश्यकता होती है। ये उच्च स्तर पर वजन उठाने में भी सक्षम होते हैं जो उन्हें अपने काम में और भी उत्तम बनाता है।
गधे एक प्रशस्त पालतू जानवर हैं और लोग उन्हें अपने काम में इस्तेमाल करते हैं।
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भैंस: भैंस एक बड़ा चारपाया जानवर है जो दुध देने वाले जानवरों में से एक होता है। यह एक शाकाहारी जानवर होता है जो खेतों में काम करता है और उन्हें खेती व खेत की खाद के लिए उपयोग किया जाता है। भैंस की ऊँचाई लगभग 5 फीट से भी ज्यादा होती है और इसका वजन लगभग 1500 से 2000 पाउंड तक होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
भैंस का शरीर स्लेटी रंग का होता है और इसके दो बड़े शंख व एक बड़ा थूँक शरीर के ऊपर होते हैं। यह जानवर संवेदनशील होता है और एक साथी जानवर के रूप में काम कर सकता है।
भारत में भैंस दूध देने वाले जानवरों में सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और उन्हें “गाय के बाद दूसरी माँ” के रूप में भी जाना जाता है। भैंस दूध के अलावा कई अन्य उत्पादों जैसे कि दही, घी, पनीर आदि के लिए भी उपयोग किए जाते हैं।
भैंस को संरक्षित करने के लिए, भारत में कुछ संरक्षण क्षेत्र बनाए गए हैं।
बैल: बैल पालतू जानवर होता है जो खेती के काम में इस्तेमाल किया जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है। बैल चौपाया होता है और उसकी ऊँचाई लगभग 6 फीट तक होती है। इसके शरीर का रंग अक्सर काला या भूरा होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
बैलों को ज्यादातर खेती के काम में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि खेतों में लगाए जाने वाले खेती यंत्रों को खींचने या ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बैल खेत में लगाए जाने वाले खेती यंत्रों जैसे हल, कुंडा, लाठी, आदि को बेहतरीन तरीके से चलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, बैलों को भोजन के रूप में खेत की घास और अन्य पौधों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
बैल बहुत ही महत्वपूर्ण पालतू जानवर हैं जो किसानों को खेती में मदद करते हैं। ये सबसे आधुनिक खेती उपकरणों से भी बेहतर तरीके से काम करते हैं।
बैल एक पालतू जानवर है जो गाय की तरह चार पैरों वाला होता है। यह एक भारी जानवर होता है जो उच्च दर्जे की श्रमदायी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बैल का शरीर मजबूत और भारी होता है, जिसके कारण वह भारी सामानों को उठा सकता है।
बैल के दो स्तन होते हैं जो दूध पैदा करते हैं, जो लोग खाद्य एवं पौष्टिक आहार के रूप में उपयोग करते हैं। बैल को गेंहूं, चावल, दलहनी, गन्ना, मक्का, जौ आदि फसलों की खेती के काम में उपयोग किया जाता है।
बैल एक मजबूत और दमदार जानवर होता है जो लोगों के लिए उपयोगी होता है। उन्हें अपने श्रमदायी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि खेती एवं अन्य श्रमदायी कामों में जहाँ सामान उठाने की आवश्यकता होती है। बैल अपनी मजबूत बनावट, स्थैतिकता और धीमी गति के कारण खुशहाल जीवन जीता है।
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नील गाय: नील गाय, जिसे अंग्रेजी में वाटर बफ़लो भी कहा जाता है, दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण जानवर है। यह एक बड़े आकार का जानवर होता है, जिसका वजन 1500 किलोग्राम तक हो सकता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
नील गाय का शरीर सफेद रंग का होता है और इसके एक लंबा मुख्य खंड होता है जो उसकी सुरंग के लिए उपयोग किया जाता है। यह जानवर पानी में रहने वाला जानवर होता है और इसे लगभग सभी उन जगहों पर पाया जाता है जहाँ पानी उपलब्ध होता है।
नील गाय अक्सर समुद्र तटों, झीलों और नदीओं में रहते हैं। इनका आहार मुख्य रूप से घास होता है लेकिन कभी-कभी वे मछलियों और अन्य जानवरों को भी खाते हैं।
नील गाय अपने भवन और सामाजिक संगठन के लिए भी जाने जाते हैं। इन्हें एक आदर्श बचाव क्षेत्र के रूप में माना जाता है, जिसे वन्यजीव जीवन के लिए संरक्षित किया जाता है।
नील गाय एक महत्वपूर्ण जानवर है जो कि भारत, नेपाल, बांग्लादेश और मुख्य दक्षिणी अफ्रीकी स्तनधारी जानवर है जो गाय के संजीवनी बूटी कहलाता है। इसके बड़े बड़े कान और नीले रंग के शरीर से इसे पहचाना जाता है। इसके पैर बड़े और मोटे होते हैं जो इसको जंगल के फूले-फूले मैदानों पर तेज दौड़ाते हुए देखा जा सकता है।
नीलगाय समुद्र के किनारे जीवन व्यतीत करता है। यह सफेद चारपाईयों और मकानों में भी रह सकता है और इसका आहार घास, बुटियों, पत्तों और टहनियों से मिलता है। नीलगाय एक सोशल जानवर है, जो अक्सर समूहों में रहता है और खाने के लिए उन स्थानों पर जाता है जहां उनका आहार उपलब्ध होता है।
यह जानवर संरक्षित है और वैज्ञानिक अभ्यास इसे जंगलों में संरक्षित रखने के लिए कर रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न संगठन नीलगाय के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं जैसे नीलगाय के बच्चों की देखभाल करना, जंगली शिकार से इसे बचाना और उसके संरक्षण.
नील गाय या बफ़्फलो जंगली एक बड़ा जानवर है जो दक्षिण एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। इसकी विशेषताएं उसके ऊँचे पीछवाड़े, बड़े वाले कान, खुबसूरत सफेद दाढ़ियों वाली लम्बी चोटी और बड़े वाले शंख हैं।
नील गाय अत्यंत संवेदनशील होते हैं और जंगली जीवन में रहना पसंद करते हैं। ये एक शाकाहारी जानवर होते हैं और अपने शिकार के लिए बाघ, चीता और हाथी जैसे जानवरों के साथ भी लड़ सकते हैं। नील गाय एक समुद्र जल में भी रह सकते हैं और जल में चलने के लिए अपने विशाल पीछवाड़ों का उपयोग करते हैं।
नील गाय भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी पाया जाता है। यह जानवर खतरे में है और इसकी संरक्षण जरूरी है। नील गाय भारत में वन्यजीवन संरक्षण कार्यक्रमों के तहत संरक्षित होता है और इसे केंद्रीय शस्त्रागारों के माध्यम से भी बचाया जाता है।
ऊंट: ऊंट एक पालतू जानवर है जो गाय और भैंस के समान चार पैरों वाला होता है। ऊंट एक मजबूत जानवर होता है जो रेगिस्तानी क्षेत्रों में रहता है। इसके पैर बड़े और मजबूत होते हैं, जो इसे रेगिस्तान में चलने के लिए उपयोगी बनाते हैं। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
ऊंट का शरीर मजबूत होता है और यह उच्च दर्जे की श्रमदायी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी दो स्तन होते हैं जो दूध पैदा करते हैं और लोग इसका दूध खाद्य रूप में उपयोग करते हैं। ऊंट अपनी मजबूतता, स्थैतिकता और धीमी गति के कारण खुशहाल जीवन जीता है।
ऊंट आमतौर पर रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है जहाँ वह सूखे और थोड़े खुश्क मौसम के लिए अधिक उपयुक्त होता है। ऊंट को रेगिस्तान में सड़क गाड़ियों को खींचने, वाहन ढूँढने, एक बाजू से दूसरे बाजू तक सामान ले जाने और अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाता है।
ऊंट एक पालतू जानवर है जो विभिन्न भागों में दुनिया भर में पाया जाता है। यह जानवर उत्तर अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया, और आस्ट्रेलिया में आमतौर पर पाया जाता है। यह एक बड़ा जानवर होता है जो गाय के जैसे चार पैरों वाला होता है, लेकिन यह अधिक ऊँचा और स्लीम होता है।
ऊंट अपने लंबे पैर और ऊँची गर्दन के कारण जाना जाता है। इसका शरीर बहुत मजबूत होता है जो उन्हें तल से उठाकर भारी सामानों को ले जाने में मदद करता है। ऊंट जंगलों, सवानों और रेगिस्तानों में पाया जाता है और यह अपनी धीमी गति और लंबी दौड़ की क्षमता के कारण जाना जाता है।
ऊंट आमतौर पर खाने के लिए पालतू बनाए जाते हैं और यह भी कुछ जगहों पर घुड़सवारी के लिए उपयोग किया जाता है। इसका दूध, मांस, और त्वचा उपयोगी होते हैं और ऊंट के बालों से कई उत्पादों का निर्माण किया जाता है।
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दरियाई घोड़ा: दरियाई घोड़ा एक स्थायी समुद्री घोड़ा होता है जो समुद्री वातावरण में रहता है। इसका वैज्ञानिक नाम “हिप्पोपोटामस” होता है। यह एक भारी जानवर होता है जो बड़ी ताकत वाला होता है और जल में रहने वाला सबसे बड़ा जानवर होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
दरियाई घोड़ों के शरीर का आकार विशाल होता है जो इनके भार के कारण उन्हें आसानी से जल में रहने में मदद करता है। इनकी गाड़ी अत्यंत समझदार होती है जो इन्हें अपनी दबाव ताकत के साथ लंबे समय तक जल में रहने में मदद करती है।
दरियाई घोड़े एक शाकाहारी होते हैं और जल के बाहर खाद्य विकल्प के लिए अक्सर जमीन पर जाते हैं। ये रात में जमीन पर निकलते हैं ताकि वे खाद्य के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जा सकें।
दरियाई घोड़ों की संरक्षण की आवश्यकता है क्योंकि इनकी संख्या में धीमी गिरावट देखी जा रही है। अक्सर इन्हें शिकार के लिए मारा जाता है।
दरियाई घोड़ा एक स्थायी नदी या समुद्री तटों में पाए जाने वाला एक प्रकार का घोड़ा होता है। यह एक सुंदर और बलवान जानवर होता है जो अपनी स्थायित्व और स्पीड के लिए जाना जाता है। इन घोड़ों का वजन आम तौर पर 450 से 680 किलोग्राम के बीच होता है।
दरियाई घोड़े शुरूआत से ही इंसानों के लिए उपयोगी होते आए हैं। यह जानवर बोट और जहाजों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तु होता है, जिससे उन्हें स्थानों पर ले जाने और जल पर बढ़ने में मदद मिलती है।
दरियाई घोड़े का खुशहाल रहना महत्वपूर्ण है। इनके आवास क्षेत्रों को बचाएं, प्रदूषण कम करें और उन्हें सुरक्षा दें, जिससे यह संख्या में बढ़ सकते हैं और संरक्षित हो सकते हैं।
बंदर: बंदर एक चालक जानवर है जो बड़े आकार वाला होता है। वे बहुत उच्च स्तर के बुद्धिजीवी जानवरों में से एक होते हैं जो अपनी समझदारी और स्मरण शक्ति के लिए जाने जाते हैं। बंदरों की आंखें आगे की ओर और शरीर के साथ गोल गोल आगे की ओर उठी होती हैं जो उन्हें अधिक दृष्टिशक्ति प्रदान करती हैं। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
बंदर दुनिया भर में विभिन्न प्रकारों में पाए जाते हैं, जिनमें लंबी डंठल वाले लंबे बंदर और छोटे से प्रकार जैसे मकाड़ शामियाना बंदर शामियाना और मार्कीज़ बंदर शामिल हैं। ये सामाजिक जानवर होते हैं जो अपने समूहों में रहते हैं और सामाजिक संचार करते हैं। इनका आवास वाटरफ्रंट्स, जंगलों और आर्बुद वाले स्थानों में होता है।
बंदरों के खाने का विविधता बहुत ज्यादा होती है जिसमें वे फल, सब्जियां, कीड़े, मक्खन और चमचमाते हैं। वे बुरा वाले पक्षियों और छोटे प्राणियों को भी खा सकते हैं।
बन्दर एक चौपाया प्राणी है जो मानव से बहुत संबंधित होता है। वे बहुत बुद्धिमान होते हैं और सामाजिक प्राणियों में से एक होते हैं। वे आमतौर पर वनों और जंगलों में रहते हैं और उन्हें अधिकतर दक्षिण एशिया में पाया जाता है।
बन्दरों का शरीर गाढ़ा होता है जो उन्हें उच्चारण और चाल करने के लिए उपयोगी होता है। उनकी अंगुलियों में चाटने वाले अंग शामिल होते हैं जो उन्हें खाने के लिए उपयोगी होते हैं। उन्हें फल, पत्ते, बीज और कीड़ों का खाना पसंद होता है।
बन्दर एक सामाजिक प्राणी होते हैं और एक समूह में रहते हैं। वे अपने समूह के सदस्यों से संबंध बनाते हैं और अपने समूह के साथ खेलते हैं। उन्हें अपनी समूह की सुरक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है। बन्दर मानवों द्वारा बहुत पसंद किए जाते हैं और उन्हें कई जगहों पर धार्मिक उत्सवों में भी शामिल किया जाता है।
गेंडा: गेंडा एक प्रकार का जानवर होता है जो भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल में पाया जाता है। यह एक संगठित रूप से जीवन व्यतीत करने वाला जानवर है जो एक बड़े समूह में रहता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
गेंडे का शरीर लंबा और स्लेंडर होता है और उसकी ऊँचाई लगभग 2-3 फीट होती है। यह जानवर एक बड़े सीधे नाक और चमकीली सफेद दांतों वाला होता है। उसके चार पैर छोटे होते हैं और उसके पैरों में तंगे लंबी होती हैं, जो उसे तेज दौड़ाने में मदद करती हैं।
गेंडे एक सामाजिक जानवर होते हैं और एक समूह में रहते हैं। वे बहुत बुद्धिमान होते हैं और उनका संभव होता है कि वे अपने समूह के सदस्यों के साथ समन्वय से काम करें और एक दूसरे की मदद करें। गेंडों का आहार प्रभावित होता है उनके रहने के स्थान से। वे फल, पत्ते, टहनियां और तंबाकू का नशा करते हैं।
गेंडा एक छोटा नर प्राणी है जो अधिकतर दक्षिण एशिया में पाया जाता है। यह अंडे देने वाला होता है और एक छोटी सी पैरवी देखने में आकर्षक होता है। गेंडे का शरीर छोटा होता है और वह सफेद, भूरा या हल्का सीधा बैंगनी हो सकता है। इनकी आंतें बहुत अलग होती हैं जो उन्हें प्रदर्शित करती हैं।
गेंडे एक निश्चल जानवर होते हैं जो अपने आसपास के पर्यावरण के लिए अहम होते हैं। वे छोटे समुदायों में रहते हैं और अपने आसपास के संसाधनों को साझा करते हैं। गेंडे एक समझदार प्राणी होते हैं जो बातचीत करने में भी सक्षम होते हैं।
गेंडे का आहार मुख्य रूप से पत्तों, छोटे फल और कीड़ों से मिलता है। वे अपने दोनों पैरों के बीच लगभग 25 सेंटीमीटर लंबी जीभ का उपयोग करके आहार खाते हैं। गेंडे के पुरुषों के सिर पर एक छोटा सा बुल्ब होता है जिसे उनके शारीर का अंग माना जाता है।
सांड: सांड एक प्रकार का पशु होता है जो उँचे ऊंचे स्तंभों वाले जंगलों और रेगिस्तानों में पाया जाता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
यह एक बड़ा और शक्तिशाली पशु होता है जिसका ऊँचाई लगभग 6 फीट तक होता है और वजन 500 से 1000 किलोग्राम तक होता है।
सांड के दो सींग होते हैं जो एक बड़े विशालकाय शरीर पर स्थित होते हैं और इसके बड़े गोल आँखें भी होती हैं।
सांड जंगली पशु होते हैं और यह घास, पत्ते और छोटे-छोटे पौधों से खाने का शौक रखते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पशु होता है जिसका उपयोग गाड़ी चलाने, खेती, उठान-चढ़ाव और अन्य कामों में किया जाता है।
सांड एक महान चार चाल वाला जंगली जानवर है जो एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। यह ऊँचाई में ५ फुट से ऊपर और वजन में ५०० किलोग्राम तक का होता है। सांड के शरीर का रंग काला, भूरा, ग्रे या ब्राउन होता है और इसकी ऊँचाई उसकी प्रजाति के आधार पर भिन्न होती है।
सांड एक व्यापक खाने वाला होता है जो घास, पत्तियां, टहनियां, शाखाएँ और फल खाता है। इसके दांत बड़े होते हैं जिन्हें वो अपने बड़े मुँह से घास काटते हुए या छिलके के साथ खाते हैं।
सांड बहुत शक्तिशाली जानवर होते हैं जो बहुत तेज दौड़ सकते हैं और बहुत उच्च तक उठ सकते हैं। यह बड़े समुद्री जानवरों से लड़ने के लिए तैयार होते हैं और अपने बड़े शंखों का इस्तेमाल करते हुए आवाज करते हुए दुश्मनों को धमकाते हैं।
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तेंदुआ: तेंदुआ एक मांसाहारी प्राणी है जो दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण-पश्चिम एशिया में पाया जाता है। यह एक बड़ा जंगली पशु होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 3 फीट होती है और उसका वजन लगभग 100 पाउंड होता है। तेंदुआ के शरीर पर लंबे और घने बाल होते हैं जो एक सुंदर त्वचा को ढकते हैं। इसकी आँखें बड़ी होती हैं और इसके शरीर पर धाराप्रवाह फीके सफेद रंग की छाया होती है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
तेंदुआ एक समूही प्राणी होता है जो अपने जंगली इलाकों में रहता है। यह अकेले या जोड़े में शिकार करता है और उसका आहार मुख्य रूप से छोटे स्तनधारी प्राणियों जैसे कि चिंके, बंदरों, साँपों और पक्षियों से मिलता है। तेंदुआ के आंखों की संरचना इसे रात में शिकार करने में मदद करती है। इसकी दृष्टि बहुत तेज होती है जो इसे अपने शिकार को बहुत दूर से भी देखने में मदद करती है।
तेंदुआ एक छोटा सा स्तनधारी जानवर है, जो अधिकतर दक्षिण एशिया के जंगलों में पाया जाता है। इसका दीवाना नाम तेंदुला भी होता है। यह जानवर नाइट एक्टिव होता है, जिसका अर्थ है कि वह रात में अपनी खाने की खोज में निकलता है। तेंदुआ का शरीर छोटा होता है और वह भूरा या भूरे-सफेद रंग का होता है। इसके लम्बे पैर एवं स्पष्ट बालों वाली पूंछ इसे अन्य जानवरों से अलग बनाती है।
तेंदुआ एक शाकाहारी होता है, जो वनों में पाये जाने वाले फल, पत्ते, तना और छोटे-छोटे कीटों से अपना आहार प्राप्त करता है। यह अधिकतर एकल होता है और अपनी आवासीय स्थलों में रहता है। तेंदुआ एक बहुत ही शांत प्राणी होता है और अपने आसपास के लोगों से दूर रहता है। इसके पैर बहुत ही तंदुरुस्त होते हैं और इसके शरीर के लंबे चमड़े से बने गहरे तिरछे स्तर इसे अपने आसपास के दुश्मनों से बचाते हैं।
चीता: चीता एक जंगली जानवर है जो भारत, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान और श्रीलंका में पाया जाता है। यह एक शिकारी पशु होता है और जंगलों में घुमते फिरते हुए अपनी शिकार करता है। चीता के शरीर पर स्पॉट्स होते हैं जो उसे आसानी से पहचानने में मदद करते हैं। यह एक गतिशील पशु होता है जो बहुत तेज़ दौड़ता है और अपनी शिकार को पकड़ने के लिए दौड़ता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
चीता एक बहुत ही खतरनाक जानवर होता है जो अपने शिकार को बड़ी आसानी से पकड़ सकता है। इसके अलावा, यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो जंगलों में जंगली जीवन को संतुलित रखता है। यह एक लोकप्रिय पशु है और उसकी छवि बच्चों के किताबों, चित्रों, फिल्मों और टीवी शो में देखने को मिलती है।
चीता एक जंगली जानवर होता है जो प्रदेश भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, और श्रीलंका में पाया जाता है। यह एक तेज दौड़ने वाला पशु होता है जो स्वतंत्र रूप से शिकार करता है। चीते के ऊपर छोटे-छोटे दाने-दाने के बड़े-बड़े धार होते हैं, जिनसे यह बहुत सुंदर दिखता है। इसके शरीर पर बड़े-बड़े गोल दाने होते हैं जो इसके नामकारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
चीते शिकार करने के लिए अपनी तेज दौड़ और चुपचापी उनके विशेषताओं में से कुछ हैं। यह शिकार खाने के लिए नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी शिकार करता है जिन्हें अपनी तरह तेज़ दौड़ना सिखाता है। चीते की धार से लोग घावों के उपचार में भी इस्तेमाल करते हैं और इसे पर्यटन का भी एक अहम स्त्रोत माना जाता है।
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लोमड़ी: लोमड़ी एक छोटा सा जंगली जानवर होता है जो दक्षिण एशिया, यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका में पाया जाता है। यह चालाक जानवर होता है जो अपने आकार के बावजूद बहुत तेज दौड़ता है। लोमड़ी का ऊँचाई लगभग 12 इंच होता है और इसका वजन 7 से 15 पाउंड तक होता है। जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi)
लोमड़ी चालाक होती है और यह रात में अपना शिकार करती है। इसका खाना जंगली चूहों, जानवरों और अन्य छोटे जानवरों से बना होता है। यह एक जानवर होता है जो अपनी सामर्थ्य और चालाकी के कारण व्यापक रूप से प्रचलित है।
लोमड़ी का चमकीला और फुलझाड़ू बाल लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं। इसलिए इन्हें कई संगीत वीडियो और फिल्मों में भी दिखाया जाता है।
लोमड़ी एक छोटा जंगली जानवर होता है, जो गायब होने के कारण धोखेबाज जानवर के रूप में भी जाना जाता है। इसके बारे में आमतौर पर सोचा जाता है कि यह शांतिपूर्ण जानवर होता है, लेकिन यह भोजन की तलाश में तेजी से दौड़ता हुआ भी देखा जा सकता है।
लोमड़ी का शरीर लगभग 2-3 फीट लंबा होता है और इसका वजन 6-15 पाउंड होता है। इसके बाल लम्बे होते हैं और वे सफेद या भूरे रंग के होते हैं। इसके पैर सफेद होते हैं और इसके कान बड़े होते हैं। लोमड़ी एक अत्यंत समाजी जानवर होता है जो अपने परिवार के साथ रहता है और खाने की तलाश में साथ मिलकर दौड़ता है।
लोमड़ी जंगली जानवर होता है जिसे लोग अक्सर दिवाली और होली जैसे उत्सवों में दिखावा बनाने के लिए घरेलू जानवर के रूप में रखते हैं। इसकी आवाज सुनने में बहुत मीठी होती है और इसके बाल उपयोग में आते हैं जो बुनाई और कपड़ों के लिए इस्तेमाल होते है.
तो दोस्तों आपको हमारा यह पोस्ट जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi) केसा लगा कमेन्ट box में जरुर बताये और जानवरों के बारे में कोनसी बात अपने जानवरों की जीवनी (Animal biography in hindi) पर नया सिखा यह भी बताये. धन्यवाद एसी ही और पोस्ट के लिए हमारी वेबसाइट Fun-hindi.com पर जाकर देख सकते है.
गूगल शाकाहारी पशुओं के नाम बताइए ?
गाय – Cow
बैल – Ox
भैंस – Buffalo
बकरी – Goat
गधा – Donkey
घोड़ा – Horse
जेब्रा – Zebra
भेड़ – Ship
हिरण – Deer
बन्दर – Monkey
खरगोश – Hare, Rabbit
उँट – Camel
शेर – Lion
बाघ – Tiger
चीता – Cheetah
तेंदुआ – Leopard
मगरमच्छ – Crocodile
साँप – Snake
भेड़िया – Wolf
जंगली कुत्ते – Wild dogs
लगड़बग्घा – Hyena
लोमड़ी – Fox
सियार – Jackal
कुत्ता – Dog
बिल्ली – Cat
भालू – Bear
सूअर – Pig
बन्दर – Monkey
शुतुरमुर्ग – Ostrich
शेर – Lion,
चीता – Cheetah,
बाघ – Tiger,
भालू – Bear,
तेंदुआ – Leopard,
हाथी – Elephant,
लोमड़ी – Fox,
कंगारू – Kangaroo,
जिराफ – Giraffe,
बन्दर – Monkey
गाय, बैल, भैंस, बकरी, भेड़, सांड, हिरन, बारहसिंघा, नील गाय, काला हिरन, गैंडा
गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊँटनी, कुतिया, घोड़ी, शेरनी, बंदरिया, जिराफ आदि।